Punjab: चेतन सिंह जौड़ामाजरा द्वारा तलवंडी भाई और ज़ीरा में संशोधित पानी को सिंचाई के लिए बरतने के प्रोजेक्टों का उद्घाटन
- By Vinod --
- Tuesday, 20 Feb, 2024
Inauguration of the projects of using treated water for irrigation in Talwandi Bhai and Zira by Chet
Inauguration of the projects of using treated water for irrigation in Talwandi Bhai- चंडीगढ़/फ़िरोज़पुरI पंजाब के जल संसाधन और भूमि एवं जल संरक्षण मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तलवंडी भाई और ज़ीरा में क्रमवार 4 और 8 एम.एल.डी. की क्षमता वाले संशोधित (ट्रीटिड) पानी आधारित सिंचाई प्रोजेक्टों का उद्घाटन किया। कुल 4.45 करोड़ रुपए की लागत के साथ बनाए गए इन दोनों प्रोजैक्टों से पांच गाँवों के 360 किसान परिवारों की 556 हेक्टेयर कृषि ज़मीन को लाभ मिलेगा।
इस मौके पर अपने संबोधन में कैबिनेट मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने राज्य के किसान भाईचारे को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पंजाब सरकार की वचनबद्धता को दोहराया और कहा कि किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी मुहैया करवाना सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि नहरी पानी आधारित खालों को बहाल करने की मुहिम के अंतर्गत लगभग 14000 से अधिक खाले बहाल किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पिछले 2 सालों में भूजल पर निर्भरता घटाने के लिए नहरी पानी आधारित सिंचाई सहूलतों को उत्साहित करने को बढ़ा प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए संशोधित पानी का प्रयोग भी, नहरी पानी के अधिक से अधिक प्रयोग करने की तरह एक अहम कदम है क्योंकि यह पानी पहले ड्रोनों में जाता था, जबकि अब कृषि में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
राज्य के संशोधित (ट्रीटिड) वाटर प्रोग्राम पर ज़ोर देते हुए स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि अब तक राज्य में 60 एस.टी.पीज़ से 340 एम.एल.डी संशोधित पानी का प्रयोग करके प्रोजैकट शुरू किए गए हैं, जिससे लगभग 11000 हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल को फ़ायदा हो रहा है और अगले फ़सली सीज़न तक संशोधित पानी का प्रयोग 600 एम.एल.डी तक बढ़ा दिया जाएगा जिससे 25000 हेक्टेयर से अधिक कृषि योग्य ज़मीन को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि कृषि के लिए संगठित तरीके से ट्रीटिड पानी का प्रयोग शुरू करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य है और अब अन्य राज्य भी ऐसे प्रोग्राम लागू करना शुरू कर रहे हैं।
इन प्रोजेक्टों के लाभार्थी किसान भाईचारे को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने पानी की हर बूँद को समझदारी के साथ बरतने और सिंचाई की बेहतर तकनीकें अपनाने का न्योता दिया क्योंकि कृषि, जल संसाधनों का मुख्य उपभोक्ता है।
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सरकार पानी के संरक्षण के लिए वचनबद्ध है और हाल ही में राज्य के एक बड़े उद्योग के साथ समझौता किया है, जो किसी निजी अदारे के साथ ऐसा पहला समझौता है, जिसके अंतर्गत निजी अदारा राज्य के पानी के संरक्षण के क्षेत्र में योगदान और निवेश करेगा।
कैबिनेट मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने प्रोजेक्टों के बारे जानकारी देते हुए बताया कि तलवंडी भाई में 4.5 किलोमीटर भूमिगत पाईप लाईन जबकि ज़ीरा में 10.3 किलोमीटर भूमिगत पाईप लाईन बिछाई गई है, जो क्रमवार 1.41 करोड़ रुपए और 3.04 करोड़ रुपए की लागत से मुकम्मल की गई है। इन प्रोजेक्टों से 556 हेक्टेयर कृषि ज़मीन और 5 गाँवों हराज, तलवंडी भाई, न्यू ज़ीरा, गादड़ी वाला और बोतियां वाला, जिसमें किसान भाईचारे के 360 किसान परिवार शामिल हैं, को लाभ होगा।
स. महिंदर सिंह सैनी, मुख्य भूमि पाल पंजाब ने इस मौके पर बताया कि संशोधित वाटर यूज़ प्रोजैक्ट विभाग का फ्लैगशिप प्रोग्राम है। विभाग की भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विभाग ने अब अमरूत-2 प्रोग्राम के अंतर्गत 87 एस.टी.पीज़ से ट्रीट किए गए पानी का प्रयोग का डी.पी.आर तैयार किया है, जो आने वाले महीनों के दौरान शुरू किया जायेगा। वर्णनयोग्य है कि विभाग ने एस.टी.पी. फगवाड़ा से कृषि में ट्रीट किए पानी के प्रयोग के लिए नेशनल वाटर मिशन अवार्ड भी जीते है। उन्होंने किसानों को ट्रीट किए पानी के अधिकतम प्रयोग करने की अपील की क्योंकि इससे किसानों की लागत कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि यह पानी खनिज पदार्थों के साथ भरपूर होता है जिससे खाद का प्रयोग घटता है और साथ ही उत्पादकता और उत्पादन में भी विस्तार होता है।
इस मौके पर उपस्थित लाभार्थी गाँवों के किसान भाईचारे ने इस प्रोजैक्ट को क्षेत्र में लाने के लिए राज्य सरकार के यत्नों की सराहना की।
इस मौके पर विधायक फ़िरोज़पुर ग्रामीण श्री रजनीश दहीया, विधायक ज़ीरा श्री नरेश कटारिया, विधायक फ़िरोज़पुर शहरी स. रणबीर सिंह भुल्लर, चेयरमैन ज़िला योजना कमेटी स. चन्द सिंह गिल और भूमि व जल संरक्षण विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के इलावा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।